हृदय रोग सामान्य जानकारी एवं आयुर्वेदिक मैनेजमेंट

हृदय रोग सामान्य जानकारी एवं आयुर्वेदिक मैनेजमेंट

  • by admin
  • Jul 25, 2023
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आजकल अक्सर समाचार सुनने को मिल रहे रहे हैं कि हार्ट अटैक से किसी न किसी की मृत्यु हो गई। ऐसी सूचनाएं मन मस्तिष्क को झकझोर देती हैं और स्वयं के स्वास्थ्य प्रति भी एक प्रकार के भय की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। किसी भी व्यक्ति कि इस प्रकार आकस्मिक मृत्यु के २ कारण हो सकते हैं या तो हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट. 

आइए समझते हैं कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है और आयुर्वेद औषधियां किस प्रकार आपकी मदद कर सकती हैं।

हार्ट अटैक

हम सभी जानते हैं कि हृदय हमारे पूरे शरीर के लिए ब्लड सप्लाई करने में एक पंप की तरह कार्य करता है। लेकिन इसे खुद भी कार्य करने के लिए ब्लड सप्लाई चाहिए होती है।

जिन रक्त वाहिनियों से हृदय स्वयं को ब्लड सप्लाई करता है कभी कभी उनकी अंदर की भित्ति पर फैट (वसा या चर्बी ) जमा हो जाती है,जिससे अंदर नली संकरी हो जाती है और जब कोई ब्लड क्लॉट (खून का थक्का) उसमें फंस जाता है,तब  ब्लड सप्लाई आगे नहीं जा पाती। अतः जिस हिस्से में ये सप्लाई रुक जाती है वहां की मांसपेशियों को न तो पोषण  मिल पाता है न ही ऑक्सीजन।

परिणाम स्वरूप वो मांस पेशियां या तो कमजोर हो जाती हैं या काम करना ही बंद कर देती हैं। ऐसे में व्यक्ति को सीने में तेज दर्द होता है, इस स्थिति को हार्ट अटैक या हृदयाघात कहा जाता है।

उपाय: हार्ट अटैक आने की स्थिति में तुरंत नजदीकी हृदय रोग विशेषज्ञ के पास जाकर उपचार लें।

बचाव:नियमित व्यायाम करें जिससे अतिरिक्त चर्बी से आपके  हृदय को ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिनियां अवरुद्ध न हों।

यदि आपकी आयु ४० वर्ष से अधिक है तो निम्नलिखित औषधियों का नियमित सेवन करे।

१: मेदोहर गुग्गुलु 

गुग्गुलु में गुण है कि ब्लड क्लॉट को बनने से रोकता है अतः हृदय की रक्त वाहिनियों में ब्लड सप्लाई में रुकावट की संभावना को कम करता है। मेदोहर गुग्गुलु  में त्रिकटु एवं अन्य आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां हैं जो फैट मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करती हैं जिससे अतिरिक्त चर्बी का जमाव रक्त वाहिकाओं में नही होता।मॉडर्न साइंस में रक्त वाहिनियों में जमा होने वाली इस अतिरिक्त चर्बी को कोलेस्ट्रॉल कहते हैं।

२: कार्डो ६००

अनेक चिकित्सकों द्वारा इसके प्रयोग के बाद २ महीने में ही बहुत अच्छे परिणाम देखे गए हैं। इसके मुख्य घटक द्रव्य हैं -अर्जुन ,गुग्गुलु और पुनर्नवा एक्सट्रेक्ट ।  
अर्जुन से मांसपेशियों को सामर्थ्य मिलता है, गुग्गुलु ब्लड क्लॉट को बनने से तो रोकता ही है साथ है थायराइड ग्रंथि को एक्टिवेट करके फैट मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है, जिससे की अतिरिक्त चर्बी ऊर्जा प्राप्ति के लिए शरीर द्वार उपयोग कर ली जाती है। पुनर्नवा मूत्रल है अतः ह्रदय पर अतिरिक्त दबाब को कम करता है। 

उपरोक्त वर्णित दोनो औषधियों को १ टैबलेट सुबह नाश्ते के पश्चात एवं १ टैबलेट और रात्रि भोजन से आधा घंटा पहले ले लें। इन औषधियों के माध्यम से आप अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं।

कार्डियक अरेस्ट

कार्डियक अरेस्ट हृदय संबंधी चिकित्सा के  दृष्टिकोण से सबसे मुश्किल रोग है। इसमें अचानक से हृदय का तंत्रिका तंत्र ठप पड़ जाता है जिससे कि व्यक्ति की तुरंत मृत्यु हो जाती है। इसका कारण अभी तक अस्पष्ट है,और मॉडर्न साइंस भी इसका बचाव और उपचार ठीक से पता नही कर पाई है। बेहतर यही है कि अच्छे खान पान रखें, व्यसनों से बचें, नियमित व्यायाम,योग करें,क्रोध व अति उत्साह न करें ।

ह्रदय सम्बंधित किसी भी समस्या के आयुर्वेदिक निदान के लिए संपर्क करें ।

लेखक
वैद्य सौरभ सोनी
आयुर्वेद एवं पंचभौतिक चिकित्सक 
फ़ोन-9953003602